दिल के दरवाजे पर
ये किसकी लाश है।
छूकर देखो धड़कन,
अब भी कुछ साँस है।
किसी ने इश्क़ में सपने दिखाकर,
बना लिया होगा वक़्त गुज़ारने का सहारा
दिल के हाथों मजबूर होकर,
वफ़ा में हारा लगता है बेचारा।
उसके आने के इंतजार में,
अब भी साँसों को बचाए रखा हैं।
वो आए या ना आए वापस,
एक विश्वास जगाए रखा है।
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