10 साल पहले गया था मैं जहाँ ,
फ़िर से गया था मैं आजकल वहाँ ,
बीते हर पल याद आया मुझे यहाँ ,
खूबसूरती अब भी बरकरार है यहाँ ,
पुरानी रौनकें अब भी कायम है यहाँ ,
प्राचीन इमारतों अब भी खड़े है यहाँ ,
जगन्नाथ जी तो मुझे जैसे खींच रहे हो ,
समुन्द्र की लहरें मानों याद कर रही हो ,
कोणार्क मंदिर मानों राह देख रही हो ,
नंदन कानन पार्क मुझे ही बुला रही हो ,
हर कदम पर नई नई तरह की है विविधता ,
ऐसी ही देश की प्राचीन राज्य है ये उडीसा ,
दर्शन कर मैं मान रहा हूँ ख़ुद को भाग्यवान ,
अपने चरणों में यूहीं स्थान देना मुझे भगवान!!
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