उसने मुझे कुछ उधार दिए थे,,
झूठा ही सही मगर प्यार दिए थे,,
धोखा की अगर बात करू मैं,,
एक बार नहीं हर बार दिए थे,,
किस्तों में ही सही उसके कर्ज लौटा दूंगा,,
मैं हमेशा से उससे ही प्यार किया है यह बता दूंगा,,
मुझे एक दिन याद करेगा तू,,
सच क्या जब जाता दूंगा,,
आज कुछ कर्ज रख लो तुम,,
अब दिल से मैं भी उतार रहा हु,,
तुमने वफा के बदले बेवफाई दिखाई,,
हर वक्त हर पल खाता ही दिखाई,,
मेरे इस बार भी साथ न छोड़ने का झूठा वादा किया,,
फिर से फितरत पुरानी दिखाई,,
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