Part 3
जब होते हैं बच्चों के एग्जाम
तो उनकी चिंता मेरी भी होती है
गर आते हैं अच्छे मार्क्स
तो तारीफ़ बच्चे की करता हूं
कम नंबर आने का दोष जब
मुझ पर लगाया जाता है
तो हलाहल कि तरह
ये घुंट भी पी लेता हूं
यूं ही नहीं मैं शिक्षक बन जाता हूं।
शिक्षक दिवस पर बच्चों से
तोहफ़े की उम्मीद तो करता हूं
पर जब 5 रुपए के pen से लिखने वाला
बालक 20 रूपए का pen देता है
अपने शिक्षक के सम्मान में पत्र
रात को जागकर बनाता है
तो में उसकी भावना का सम्मान करता हूं
उसका ये सम्मान पत्र महीनों पास रखता हूं
यूं ही नहीं मैं शिक्षक बन जाता हूं।
जब वर्षों बाद वो मुझे मिलने आता है
कैसे हो तुम, मैं उससे यही पूछता हूं
सदा आगे बढ़ते रहो ये आशीष देता हूं
यूं ही नहीं मैं शिक्षक बन जाता हूं
इतना कुछ करने के बदले में,
मैं सिर्फ गुरु दक्षिणा चाहता हूं
गुरु दक्षिण में कुछ धन और,
थोड़ा सा सम्मान चाहता हूं
नहीं दे सके तो भी क्या,
गुरु दक्षिणा के बिना भी
मैं शिक्षक बन जाता हूं।
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