मैं पहले से गरीब था
तूने मेरा चैन भी लूट लिया
मोहोबत के बाजार में
जब आशिक़ी का खूट पिया
सफ़े लिखे थे बगावत के
किस्से में शामिल हैवानियत थी
कड़ी टूटी मेरी नाज़ुक शीख से
सुर्ख रंग मेरा बहने लगा
मैंने पूछा प्यार से
वो प्यार से कहने लगा
इश्क़ सिरफिरा है
कम्बखत है
मासूम है
मदमस्त है
छुपा है कहीं
व्यस्त है
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