मुद्दते गुज़री , दिल के रास्ते हसीं को आए ।
कहीं कुछ संभले , तो कहीं कुछ बिखर जाए ।
झूठी तसल्ली , ख़ुद को कब तक दिलाए।
ख़त्म करदे , इस सफ़र को जी में आए ।
फ़िर , नज़र नन्हें पोधे पे जाए ।
बीते वक्त का जनाजा न निकाले ।
कितनी मर्तबा रोंधे जाए ,
बावजूद, नई कहानी बनाए ।
ख़ुश नुमाइश पहचाने ,
उससे तरक्की सजाए ।
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