देश के जिम्मेवार नागरिकों अपनी जिम्मेवारी कब निभाओगे आप.....?
जब-तक सबकुछ आपके घर वालों के साथ ना हो जाए?
इतने असंवेदनशील कैसे हो सकते हो? जिस लड़की के साथ बर्बरता के सारे कृत्य कर दिए गए उसका नाम सरेआम लिख कर, उसकी तस्वीर लगा कर शायरी लिख रहे हो...?
विरोध करने के और भी तरीके हैं कहाँ से लाते हो ये घटिया सोच, आप भी उतने ही दोषी हो जितना वो बलात्कारी क्योंकि आप उसकी तस्वीर लगा कर नाम लिख कर उसके घरवालों का बचा हुआ जीवन नर्क कर रहे हो। वे उसके देह को नोच रहे थे और आप शब्दों से उसके परिवारिक सम्मान को नोच रहे हो। अगर ये सब आपके जानने वालों के साथ हुआ होता तब शायद आप समझते।
बदलना है तो ख़ुद की सोच बदलो, खुद को ऎसा बनाओ की लड़कियां सुरक्षित महसूस करें आपके साथ। न की तस्वीर लगा कर सभी को हांकने लग जाओ अनपढ़ चरवाहे की तरह।
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