Part- 2
हुँ मैं बहुत बड़ा रार
इतनी आसानी से नही सकता मैं हार
बस इतनी सी करो इकरार
रिश्ते को दो नया आकार
मेरे सपने को होने दो साकार
बात करने को रहता तुझसे बेकरार
मन मे रखो ना विकार
करो सच्चे दिल से प्यार
वरना कर दो चाकू आर पार
सदा खुश रहो तुम सपरिवार
बसा लो अपना घर संसार
By अनुभव कृष्णा
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