मस्त फकीरी धूनी रमाए मन भाए
जगत पालक शिव ही शिव
एक कदम तेरे बिन कटे न कटे पल
जगत पालक शिव ही शिव
रहमत भी तू बरकत भी तू
मारक भी तू संहारक भी तू
जगत पालक शिव ही शिव
शरण तेरे दर पे झोली लेकर
आशीष मांगू झोली भर के
रावण को दी आशीष भरकर
हम भी इतने निसाचर नही
शिव सत्य है शिव अनंत
मेरे भोले बाबा समस्त जन कल्याण कर।
-