पंख टूटे हैं तो क्या,
हौसला अभी बाकी है ।
सूरज डूब गया तो क्या,
एक नई सुबह बाकी है ।
दिल में दर्द भरा है तो क्या,
होठों पर मुस्कान बाकी है ।
घरौंदा छूटा है तो क्या,
नया आशियाना बनाना बाकी है ।
दुश्मन हैं तो क्या,
दोस्त बनाना बाकी है ।
फूल मुरझा गए तो क्या,
नई कपोले फूटना बाकी है ।
तेरा साथ छुठा है तो क्या,
यादों का पिटारा खोलना बाकी है ।
तू विनाशक है तो क्या,
सृष्टि रचाइता तुझमें अभी बाकी है।
पंख टूटे हैं तो क्या,
हौसला अभी बाकी है ।।
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