कृष्ण के ख्यालों में
कुछ इस कदर खोई हूं मैं
चाहे कितना दुख सताले मुझे
बस हस्ते ही रहती हूं मैं
जब भी में रोती हूं
तो बुरा उनको भी लगता है
ना जाने कैसे पर
कुछ क्षण बाद सब ठीक सा लगता है
कृष्ण ,कान्हा ,माधव सब है मेरे वो
मेरा तो पहला प्रेम है वो
सबने छोड़ा है मेरा साथ
बस कान्हा तुम ना छोड़ना मेरा हाथ ।
-