QUOTES ON #RRRHYME

#rrrhyme quotes

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21 MAR 2017 AT 10:41

Withering beneath the alphabet
Burning with hidden emotions
There lay the verse unwritten
With the pen so powerless
Until one fine dark night
The words broke out
Silence shivered
Darkness
Prevailed
And the stars
Filled the inkpot
With the fire that shone
The dark made love to words
And borne was the ferocious firefly.
The nights still await,for the blank sky
To get back all the lost stars, that now
Rest on the pages of the diary of the poet.

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19 JAN 2020 AT 8:12

एक काश ....एक आस
चलती है इससे जिन्दगी
निरन्तर .......निरबाध्य

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5 MAR 2017 AT 23:04

बंदूक,तीर व तलवार से धर्म या मज़हब की हिफाजत नहीं होती
जहाँ मुहब्बत होती है वहाँ सियासत नहीं होती।
ये क्या ईश्वर अल्लाह के नाम पे लड़ते हो
हाथों में खंजर लिये कभी इवादत नहीं होती।
राम मेरे अल्लाह तेरे ये क्या
ईश्वर किसी एक की रियासत नहीं होती।
हिन्दू मस्जिद में न जाये,मुसलमान मंदिर में न आये
नेक बंदों की ऐसी आदत नहीं होती।
धर्म व मजहब क नाम पर तुम्ही कटते मरते हो
कभी गीता और कुरान में तो ऐसी खिलाफत नहीं होती।
इंसानों ने ही बना रखे हैं ईश्वर और अल्लाह 'पारुल'
अन्य जीवों में तो ऐसी अदावत नहीं होती।

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16 MAR 2017 AT 16:20

मेरे लड्डू गोपाल
(Full poem in caption)

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15 MAR 2017 AT 18:57

उसकी आँखों में व्याप्त नमी
मुझे देखकर बढ़ जाती थी
मेरी आँखों में देखकर बह जाती थी।
और वो खामोशियाँ यूँ ही
जाया हो जाया करती थी।
आज इन आँखों में वही खामोशीयाँ
वही यादें व्याप्त है
जिनको कभी जुवा न मिली।
पर शब्द जरूर मिल गये मेरी नज़्मों के।

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21 MAR 2017 AT 16:03

राहें हज़ार हैं यहां, पर मंज़िलें कहां?
तुमसे मिलाये जो हमें, वो रहगुज़र कहां?

मौसम वस्ल के आये, आकर चले गये।
नसीब जिसका हो खिज़ां, उसको बहार कहां।

मिलते ही हमसे कहते हो, 'कहां हो आजकल?'
हम तो हमेशा हैं यहीं, रहते हो तुम कहां?

उसकी तलाश में भटके हर सू यहां वहां,
ढूंढा न अपने दिल में ढूंढा कहां कहां।

जिसकी तलाश में छोडा दुनिया औ' दीन सब,
अलहदा है वो सभी से उसकी मिसाल कहां।
-सारिका

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7 OCT 2016 AT 8:13

न आगे वालों से जुड़ सका,
न फिर पीछे की ओर मुड़ सका,
जितनी ताकत मुझमें थी,
बस उतना ही उड़ सका।

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9 MAR 2017 AT 23:11

ईश्वर -----मिलूँगा राख में मिलूंगा खाक में
मिलूँगा कण-कण में,मिलूँगा हर जीवन में
मिलूँगा सजीव में मिलूँगा निर्जीव में
मिलूँगा दुआओं में,मिलूँगा बद्दूआओं में
हूँ हर जगह व्याप्त
बस सच्चे दिल से पुकार लेना
कहीं न मिलूँ तो__________
दो सच्चे आँसू बहा देना
अगर फिर भी न मिलूँ तो ______
किसी रोते को हंसा देना या बहला देना।
मैं मिलूँगा उसी वक्त उस मुस्कराहट में ।

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5 OCT 2016 AT 16:18

अलग अलग चैनल पर, अलग अलग है न्यूज़ ।
नेता और मीडिया मिल कर, कर रहे कंफ्यूज ।।

क्या सही क्या गलत ,करे फैसला कौन ?
कुछ आपस में लड़ रहे, कुछ ने साधा मौन।।

जागो देशवासियों , खतरे में है देश ।
छुपे हुए आतंकवादी, बदल बदल कर वेश।।

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21 MAR 2017 AT 22:08

।।मेरी कविताएँ ।।
पन्नों की दीवारों पर गुदी
परत दर परत चिनी
दब गयी किताबोें में
बेबस सी
मेरी कविताएँ।
बेचूतो कोई मोल नहीं
तोलू तो दो तोल नहीं
न सुनने को कोई श्रोता
न देखने को कोई नयन ही
बस रद्दी भर है
मेरी कविताएँ ।
(Full poem in caption )

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