तुम्हारा यूँ हर बात पे प्यार जाहिर करना अच्छा लगता है।
तुम्हारा यूँ प्यार से मुझे हर बात समझाना अच्छा लगता है।
कभी कभी हो जाती हूँ नाराज़ छोटी छोटी बातों पर...
मगर तुम्हारा यूँ प्यार से मनाना मुझे अच्छा लगता है।
रहती हूँ कभी उदास तो होता है कभी चिड़चिड़ापन....
तुम्हारा यूँ प्यार से हर बात पूछना और फिर मेरी
खुशी के लिए कहीं घूमाने ले जाना अच्छा लगता है।
रो देती हूँ कभी तुम्हारी डाँट से तो कभी तुम्हारे गुस्से से...
फिर तुम्हारा यूँ करीब आ कर आँसू पोछ,गले से लगाना मुझे अच्छा लगता है।
करती हूँ महसूस जब भी खुद को तन्हा ओर अकेला....
तुम छोड़ कर हर काम काज अपने आ जाते हो संग मेरे
तुम्हारा यूं जिंदगी मे साथ निभाना मुझे अच्छा लगता है।
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