जो जी रहे है जिंदगी उनको नहीं भाती,
हम मर रहे हैं मौत ये फिर भी नहीं आती,
कभी आओ तुम्हारी राह में छत खो रही है,
तुम्हारी ताक में बैठी गली अब रो रही है,
तुम्हे अब ढूढ़ता हूँ तो पुराने खत नहीं मिलते,
तुम्हारी खोज में रहता हूँ सबसे मत नहीं मिलते,
कभी तुम पास से गुजरो तुम्हें आने नहीं देंगे,
तुम्हारे साथ बैठेंगे तुम्हें जाने नहीं देंगे
किया क्यों प्यार हमसे गर कभी ठाना नहीं था,
याद की गठरी ही रख जाती अगर आना नहीं था।
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