" मैया की जुबानी "
लोग क्या कहेंगे, वो उनकी जुबानी है ....
इक सच तेरे अंदर है, जिसकी अपनी कहानी है !!!!
तिनका तिनका जोड़कर, उन्होंने बात बढ़ानी है....
मैया कहे, आदत ये उनकी, बड़ी पुरानी है !!!!
साथ कोई आए ना आए, तुझे बस तेरे सच से निभानी है....
उनका कहा, जग के लिए कहानी है....
पर तेरी तू जाने, उनकी कही बेमानी है !!!!
चूमना है गगन, इक दिन, ऐसी ऊंची पतंग उड़ानी है ....
उड़ती रही बेटा, तो दुनिया दीवानी है ....
कट गई, तो पीछे ! फिर कहानी है !!!!
ना डोलना, ना खौलना....
ना ही ! उन संग खुदको तौलना ....
वो कहते रहेगें, उनका काम है बोलना ....
लक्ष्य अपना भेदना ! रख अपने लक्ष्य की निशानी....
वो कोशिश करेंगे, भटकाने की....
पर तू न भटकना, क्योंकी ....
इक सच तेरे अंदर है, जिसकी अपनी कहानी है !!!!
सुखविंदर ✍️🌄✍️
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