ऐ कैसी इंसानियत हैं,,,,,,
जो इंसानियत को शर्मशाार कर दे.....
ये इंसानो का कैसा गुरूर हैं,,,,,,,,,
जो बेजुबानो को मर कर इंसानियत का सबूत देने की नुमाइश करते है...
इंसानियत ये तो नही,,,,,
की बेजुबानो को तुम अपने मनोरंजन का जरिया बना लोे.....
इंसानियत ये तो नही,,,,,,
की तुम अपनी हैवानियत बेजुबानो पर दिखाओ.....
अगर इंसान नहीं बन सकते,,,तो जानवर ही बन
जाओ..कम से कम बफादारी तो सीख लोगे !!!!!
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