हां, वो भाई है मेरा ।
जिंदगी जीने का हुनर, उसने ही तो सिखाया
बिना मेरा हाथ थामें, मुझे चलना सिखाया
जिंदगी का मकसद कुछ इस कदर सुनाया,
बिना कुछ कहे ही, दरअसल खुद जीकर बताया!
माना टूटते देख मुझे सहारा न दिया उसने,
पर खुद बिखरे मोती जोड़कर, मुझे सम्भलना सिखाया अपना सबकुछ हारकर जीतना कैसे है?,
बिना कुछ बताए, उसने खुद जीतकर बताया |
मेरी गलती पर उसने जब मुझ पर हाथ उठाया,
पहली बार उसने पापा का फर्ज भी निभाया,
मुझे मारकर फिर, उसका मन भी हकलाया,
मुझे रोते देखकर फिर मुझे, कस के गले लगाया ।
अंदाजा नहीं लगा सकते ,कैसे वो ये सब कर लेता होगा?
अपने सपने मारकर कैसे? मेरे सपने संवारता होगा । मेरी ख्वाहिशें पूरी करने में जाने कितने लम्हें दाव लगाए होंगे ?
कुछ अधूरे से ख्वाब उसने भी तो छुपाए होंगे!
लाड़ प्यार से इस कदर, मुझे सिर पर चढ़ाया,
जिन्दगी जीने का हूनर, ' उसने ही तो सिखाया।
हाँ वो भाई है मेरा 'जो मायूस सी जिंदगी में चार चाँद लगाता है,
घरवालों से क्या , मेरे लिए वो जहाँ से भी लड़ जाता है,
क्या इतना आसान है? पिता के साथ भाई का फर्ज निभाना,
क्या इतना आसान है? मुझ जैसी जिद्दी बहन के नखरे उठाना
एक जिद्दी बहन के नखरे उठाना ||
Aarti Soni
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