हर आदमी अपनी अपनी सहूलियत के अनुसार ही जिया करता है।
ये इंसान इतना मतलबी है कि सुविधानुसार सहायता किया करता है।
अच्छा फ़ायदा दिखता है तो अच्छा बनने का दिखावा किया करता है।
जब नुकसान की गुंज़ाइश वाली स्थिति में मुँह मोड़ लिया करता है।
सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात है कि आज इंसान में इंसानियत नहीं है।
वो तो पशुता दिखाने में पशुओं को भी कड़ी टक्कर दिया करता है।
अपना फ़ायदा निकालने में कोई बुराई नहीं है, ज़रूर करना चाहिए।
पर जब ये आदत मजलूमों को दुःख दे तो मेरा दिल रो दिया करता है।
जो वो अगर चुपचाप तुम्हारी बात सुन रहा है तो उसे मूर्ख मत समझो।
मासूमों की अनकही बद्दुआओं का वो रब जल्दी असर दिया करता है।
किसीकी हार पे कभीभी मत इठलाओ, ख़ासकर जब तुम बेइमान हो।
बस इतना जान लो वैसा इंसान कभी भी बाज़ी पलट दिया करता है।
अक्सर मिल जाया करते हैं कुछ लोग जिन्होंने ताउम्र ग़लत ही किया।
आश्चर्य लगता हैं जब ऐसा इंसान मुझे जीवन की सीख दिया करता है।
ऐसा नहीं है कि अब ग़लत बातें तकलीफ़ नहीं देती हैं इस "अभि" को।
कि अब वो दुनियादारी समझ गया है और चुप चाप सह लिया करता है।
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