Pranay Kumar 19 SEP 2019 AT 21:06 चाहे वो किसी को भी चूमे,धड़कन तो मेरी ही तेज़ होगी। - Pranay Kumar 2 DEC 2019 AT 10:37 खुद को जीवित रखने के लिए अपना बचपना जीवित रखना बेहद जरूरी है। - Pranay Kumar 7 FEB 2020 AT 16:44 मेरे लिए तो हर दिन रोज़ डे है,क्योंकि मेरे पास मेरी गुलाब है। - Pranay Kumar 3 JAN 2020 AT 21:23 मैं तुम्हारे लिए नहीं लिखता हूँ,मैं बस तुमको लिखता हूँ। - Pranay Kumar 2 FEB 2020 AT 19:16 जो मैंने आज तक लिखा नहीं,वो अल्फाज हो तुम - Pranay Kumar 4 JUN 2019 AT 23:06 उपन्यास पल दो पल का प्यारलेखक - प्रणय कुमार - Pranay Kumar 11 JAN 2019 AT 10:08 मैं कोई किताब नहीं फिर भी तुम मुझे पढ़ लेती हो। - Pranay Kumar 10 JAN 2019 AT 10:44 ना होकर भी मैंने तुम्हें अपना बना लियासब कुछ हो कर भी तुम मुझे अपना ना सकी - Pranay Kumar 31 MAR 2019 AT 7:46 वो मुझे जाम पिलाती रही, मैं कहानी कहता रहा - Pranay Kumar 30 AUG 2017 AT 7:15 लेखक ज्यादा सोचता नहीं, ज्यादा महसूस करता है। -