कभी कभी खुद से मुखातिब होना जरूरी सा लगता है कि आखिर ये मसला है क्या कभी कभी एक पल में होता है कभी ताउम्र अनसुलझा सा रहता है उस काली रात के दरमियान मैं तलाशती रही खुद को उन सितारों में पर हर मर्तबा चेहराअधुरा सा रह जाता था बनते बनते आज फिर बनाने बैठी हूं वो तस्वीर ,इसी उम्मीद में ना जाने पूरी होगी भी या नहीं।।
वो दूर का सितारा कभी वे वक़्त अपने पास हुआ करता था, एक भटका सा सहमा हुआ वे इन्तेहाँ मोहब्बत करता था, एक रोज जब नींद खुली तो बस एक खाब सा रहा गया, वो दूर का सितारा फिर कही चला गया...!!
मै तुम्हारा हूं तुम मेरी बन जाओ थोड़ी दुरिया अभी भी हैं थोड़ा क़रीब आ जाओ कभी जी भर के गले से लगाओ और रांझा हो गया हूं तुम्हारे इश्क़ में..... बस अब तुम मेरी हीर बन जाओ.....💜
missing the old me, i used to be so passionate about the things i loved. and, now i just want to lay all day in bed, and sleep. my soul has become tired.