आधा
अर्ध चंद्र की छटा निराली, आधी बात भी लगे निराली।
अधूरी कथा लगे रसवंती, आधा रास्ता तय कर पूछे हर पंथी।
क्या आधा, पूरे से बेहतर? अर्ध रात्रि का क्यूं रोमांच?
क्यों न आधे में पूर्ण विश्वास, क्यों आधा जगाए मन में एहसास?
प्रेम कहानी भी अधूरी अच्छी, आधे में संतुष्ट बच्चा या बच्ची।
आधा दे पूर्णता का एहसास, आधा भी बुझाता भीषण प्यास।
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