भूलना अच्छा होता है, भूलना सच्चा होता है। लेकिन कोई ये तो बताए, भूलने के लिए क्या करें उपाय? जब यादों का बवंडर लहराए तो सारी सकारात्मक ऊर्जा धूल सी उड़ जाए। मन को कितना समझाए? जो हो चुका... उस पर अब ना पछताए। जीवन में इतना मिला है, उस पर ध्यान लगाए, उनका शुक्र मनाए। मगर ये दिल ना शुक्रा, घूम-फिर कर उसका ही मातम मनाए। जो एहसास गुज़र चुका अभी भी उस के ही शोक गीत गाए।
भूलना अच्छा होता है.... कहने के निमित्त में उसकी यादों का दर्द झलकाए, जो सहा ना जाए।।
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