लहजे में आजकल के अकीदत नहीं बची,
बातों में सब बचा है , हकीकत नहीं बची,
चीजों के इंतजाम में ऐसे उलझ गये
पैसे बहोत बचा लिए , फुर्सत नहीं बची,
एक जिंदगी गुजार दी तेरे यक़ीन को
तुझको यक़ीन हुआ तो मोहब्बत नहीं बची,
चाहे तो एक बार शुरू से शुरू करें
पर यार सच बताएं तो हिम्मत नहीं बची ।।
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