QUOTES ON #OLDMEMORIES

#oldmemories quotes

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13 MAR 2021 AT 16:42

एक पत्र है पुरानी सी
तुम्हारी स्याही की खुशबू लिए
परन्तु कागज़ ने पीलापन ले लिया है
हाँ, बिल्कुल हमारे प्रेम की भाँति

एक गुलाब का फूल भी
संकुचित दबा हुआ पन्नों के बीच
परन्तु अपना सुगंध खो बैठा है कहीं
हाँ, बिल्कुल हमारे प्रेम की भाँति

कुछ पुरानी यादें भी हैं
धूमिल सी शायद वर्षों की धूल से
परन्तु पुरानी तस्वीरों में अब भी मौजूद
हाँ, बिल्कुल हमारे प्रेम की भाँति

हाँ, प्रेम की निशानियाँ बहुत है
परन्तु प्रेम के निशान अब कहीं नहीं

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12 APR 2020 AT 21:48

सफाई में एक दिन मेरे बचपन का पुराना बस्ता मिला,
उसे देखते ही ऐसा लगा कि जैसे मेरा बचपन खड़ा हो मेरे सामने वो बस्ता टाँगे,
स्कूल यूनिफॉर्म पहने, गले में थर्मस लटकाये खिलखिला रहा हूँ मैं!
थोड़ी देर तो उसे हाथ में ले के देखता रहा, फिर अनायास ही चेहरे पे मुस्कान आ गई,
दिल छलाँगें मार रहा था, जैसे एक बच्चा कूदता है धरा पे खिलौने के लिए,
धड़कने इतनी तेज़ की आवाज़ अंदर ही अंदर मेरे कानों तक आ रही थी, धक-धक-धक-धक..
धूल इतना कि बस्ते का असली रंग दिखाई नहीं पड़ता,
लेकिन मुझे बहोत अच्छे तरीके से याद था उसका लाल रंग,
मुझे याद था कि दुकान पे मैंने पापा से जिद्द कर खरीदवाया था वो बस्ता!
मैं चाहता तो तेज़ तेज़ पटक कर सारी धूल निकाल देता,
लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई उसे पटकने की, ऐसा लगा मानो कंही चोट न लग जाये उसे!
कीमत तो उसकी मामूली ही थी लेकिन अनमोल था मेरे लिए,
क्यूंकि अपने रेनकोट के पैसे से खरीदा था पापा ने,
उन्होंने खुद भीगना चुना मेरी एक छोटी जिद्द के आगे,
माँ का प्यार दिख जाता है बचपन से ही लेकिन पिता का प्यार बड़े होने पर ही समझ आता है,
बड़ा ही गहरा होता है प्रेम पिता का!

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1 FEB 2019 AT 20:33

गुस्से में हमें topper बुलाना ये तो
Teacher का रोज का काम था।
पर उसको अलग way मे सोचना।
कि दिन में एक बारी जीभ पर भगवान का आना।
और topper बनने का सपना सजाना।
ये तो हमारा ही काम था 🙃🙃🙃🙃

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18 MAR 2020 AT 12:04

#darkemotion

देखो जूता पुराना छूट गया..
एक यार पुराना छूट गया..

वो किस्से तेरी भाग दौड़ के..
नया जमाना भूल गया..
एक जूता पुराना छूट गया..!!

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20 MAR 2020 AT 10:24

वक़्त ठहरा है जमीं पुरानी है..
हांथो की सिकुड़न अफ़सोस की निशानी है..

पैसे नहीं आते पर अपने बच्चों की याद आती है..
तेरी माँ अक्सर जब रोटी बनाती है..

रोज बैठता हुँ उस टूटी कुर्सी पर..
तो तेरी चाय याद आती है, जब कलम हाँथ से लिखते लिखते गिर जाती है..

तस्वीर तेरे बचपन की जंग लगी कील से लटकती है..
पैर मै तेरे बचपन की साइकिल अक्सर अटकती है..

घर टूट गया है छत से सर्द आती है..
अब कोई बचपन नहीं यहाँ, न कोई लड़की बारिश देखकर मुस्क़ुरती है..

अब तो एक लाठी के सहारे चलती..
उस टूटे घर की कहानी है..!!

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26 FEB 2020 AT 19:33

Bachpan


Full piece in the caption..

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4 MAY 2021 AT 19:44

Thank For Dedicate Me Bhai 🙏
❤️Love You Meena Kumari Ji ❤️

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25 MAY 2020 AT 6:55

बचपन

वो बचपन मेरा तारा सा था ,
रोना-हंसना जैसे एक गुब्बारा सा था ,
वैसे तो पसंद थी मुझे बहुत चीजें
पर नटखट के सिवा कुछ प्यारा ना था,

वो लुक्का-छुपी और लड़ना ही आता था,
छत-गली में मस्ती वो खुला आसमान भी हमे बुलाता था ,
चंचल रहता था मन देखो हर खिलौना हमे भाता था,
ज्यादा खाना भी कहाँ बस दूध से पूरा दिन बीत जाता था,

सपने थे ना जाने कितने कभी डॉक्टर तो कभी टीचर बन जाती थी ,
तो कभी बैठ बाबा की साइकिल पर, मैं शहर घूम कर आती थी ,

गर्मी की छुट्टी में नानी-बुआ केे रहने भी जाती थी,
काम केे चोर हम भाई-बहन शोक से बहाने बनाते थे,
और पूरा दिन महफ़िल ज़माने कहीं भी बैठ जाते थे,

रात में थोड़ी आवाज होते ही भाग कर माँ के आंचल में छिप जाती थी,
सुबह पापा केे साथ बातों में और रात में तोता-मैना-चिड़िया उड़ाती थी,
और जब कभी आती थी बारिश तो कागज की नाव खूब लुभाती थी ,

वो दिन अब एक कहानी में समा गए ,
इस भिड़ में ऐसे फंसे हम अपने आप को भी भूला गए ,
जब याद आई बचपन की तो अपने आप आँखों में आशू आ गए,
फिर दिल मुस्कुराकर कहता है चंद पंक्ति में बचपन भी बीत गया!

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22 OCT 2019 AT 13:17

...

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25 FEB 2020 AT 9:43

#darkemotion

घर बीमार है तुम आओगे क्या..
तेरा खत बीमार है तुम आओगे क्या..

तेरे बिना सारी उम्र बेचनियों और रोते बिलखते गुज़ारी है..

अब बूढ़ी लाठी छोड़ कर सोने का वक़्त है बताओ तुम आओगे क्या..!!

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