जादू करते से वो दिन थे,
जादू करती वो आहट थी,
जिसके आते ही इस दिल को,
मिल जाती थी वो राहत थी,
न कोई गम के अफ़साने थे,
न कोई बीती आजमाइश थी,
बस एक झलक देख उसकी,
होंठो पर आती जो मुस्कुराहट थी,
फीके-फीके सारे आलम थे,
उसके बिन फीकी सारी गलियां थी,
न जाने क्यूं जाते ही उसके,
खो जाती मेरी खुशियां थी,
जादू करते से वो दिन थे,
जादू करती वो आहट थी...।
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