कानपुर के नगर की क्या अजब थी शान,
आज़ादी के जनको को मेरा सादर प्रणाम,
रानी लक्ष्मीबाई बिठूर की वीरतम नारी,
जिनके आगे विशम अंग्रेज़ी सेना भी हारी।
लाल इमली के एल्गिन मिल का विश्वप्रसिद्ध थान,
जे०के०मंदिर के सुन्दर प्रांगण पर हमको अभिमान,
यहाँ का अनुपम चिड़ियाघर ऐशिया में सबसे विशाल,
रेव व ज़ेड स्कवेर हैं यहाँ के विशालतम शापिंग माल।
ठग्गू के लड्डू खाकर ठगनें आते है बालीवुड भी,
बदनाम कुल्फी का प्रचार करें जूनियर बिग बी भी,
शीशामऊ और शिवालय की अपनी अलग पहचान,
नवीन मार्केट और परेड है बड़े प्रचलित स्थान।
ग्रीन पार्क में देखे हमनें कितने सारे मैंच,
नहीं भुला सकते हम सचिन के दाँव पेच,
जब वार्ने को नज़र आए नींद में भी छक्के,
लैन्डमार्क के रूम में जाकर वे थे हक्के-बक्के।
गंगा मैया की गोद में खेल-खेल कर बड़े हुए हम,
गंगा मेले के रंगों की होली में सराबोर हुए हम,
पर अफसोस कि राजनीति की उथल-पुथल में,
जनसंख्या और प्रदूषण की गर्त में गिर गए हम।
अब वक्त आ गया है दोस्तों नवजागरण का,
अपने नगर के लिए अपना सरवस्व झोंकने का,
तो जागो, उठो और हाथ से हाथ मिल़ाओ,
अपने कानपुर को वही पुराना सम्मान दिलाओ।
-