वो उनके मूड सविंग्स थे ,समझ जाता तो शायद आज बात कुछ और होती,
पर बात इतनी सी है कि उस वक़्त ये समझ जाता इतना समझदार नही था मैं।
वादा तो किया था मैंने भी कि खुश रखूंगा हमेशा उसे,
पर सिर्फ खुशियां ही मिले जिस बाजार में,
वक़्त ने बताया वो बाजार नही था मैं।
बेशक रोई होगी वो दूर जाकर मुझसे,
पर सच ये है कि उस रोज गुनाहगार नही था मैं।
एक दिन पहले तक तो सब कुछ ठीक ही चल रहा था,
फिर अचानक उसे लगा कि उसका प्यार नही था मैं।
बोला उसने कि पूछो जो पूछना है तुम्हे इस बारे में
पर इतना तो समझ आ ही गया था कि अब उससे कुछ पूछने का हक़दार नही था मैं।
चलो मान लेते है कि जो हुआ अच्छा हुआ अतीत में,
पर सच मे उस चीज के लिए कभी तैयार नही था मैं।
खैर कुछ अच्छा ही सोचा होगा उसने जाने से पहले,
आखिर पूरा किस्सा था सिर्फ कोई किरदार नही था मैं।।
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