जिंदगी एक सफर है ✍
बिकती है ना खुशी कहीं
न कहीं गम बिकता है,
लोग गलत फहमी में है
कि शायद कहीं मरहम बिकता है,
इंसान ख्वाहिशो से बंधा
हुआ एक जिद्दी परिंदा है,
उम्मीदों से ही घायल है
उम्मीदों पर ही जिंदा है
चुभ जातें हैं लफ्ज़ कभी
या फिर कभी लहजे मार जाते है
ये जिंदगी है जनाब यहाँ
रिश्ते गैरों से नहीं अपनों
से हार जाते है।
-