हमेशा चाहा कि कोई हो जो मेरे साथ साथ चले,
जब भी कोई मिला,
या तो आगे चला, या पीछे
फिर एक दिन तू आया!
याद है,
कैसे उस दिन तूने कदम से कदम मिलाया
मेरे पैरों की तरफ देखा
और कदम बढ़ाया
अचानक मेरे सालों की तलाश जैसे ख़तम हुई
जब चुपके से तेरी आवाज़ आयी
"मम्मा, देखो मैं तुम्हारे साथ साथ चल रहा हूं!!!
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