"शकुनि" बनकर आया तू "कृष्ण" से लेने टक्कर है| तू भूल मत हम "यदुवंशी" है,
जिसका रक्षक ही नीर सा "तेज़" और
"तेजस्वी" है| पिछड़ो को जो जीना सिखा दे वो "लालू" का लाल "तेजस्वी" है|
रा.ज.द कोई दल नही, वो तो एक "यशस्वी" है|
तू भूल मत लालू के तलबे चाट "राजनित" में आया था| जब "लालू" जी ने तुम्हें विधान परिषद पहुँचाया था| कितने में तू बिक गया, लोगों ने मुझे बताया है|
मन का निकला "धूर्त" तू ,
"अहिरो" से सम्मान गवाया है|
अपने ही साख को तूने चंद "सिक्कों" में गवाया है | ये समाज है "यदुवंशी" ना कभी झुका था और ना ही कोई इसे झुका पाया है|
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