आजा सनम तुझ पर किताब लिखते हैं
आँखों को समंदर होटों को शराब लिखते है
बालों को घना बादल लिखकर
गालों को गुलाब लिखते हैं ॥
जादुई चेहरे का नूर लिखकर
अदाओं का ख़ुशनुमा फ़ितूर लिखते हैं ॥
तेरी चाल लिखते है ख़ूबसूरती का बवाल लिखते है
तुझे हम अपनी ज़िंदगी ओर ख़ुदा का कमाल लिखते है
बाबू,सोना,जानू,जानेमन,स्वीटी,बिट्टू तो सब लिखते है
हम तेरी हसीन जवानी को दौर ए बेमिसाल लिखते है
सागर ख़ुद को दीवाना लिखते है
ख़्वाबों में तेरा आना लिखते है
दिल को सताना लिखते है
रूठना ओर मनाना लिखते है
मोहब्बत का रंगीन फ़साना लिखते है
दिल की धड़कन का अफ़साना लिखते है
आनंद की ज़िंदगी का ख़्वाब लिखते है,,,
सनम हम तुझपे एक किताब लिखते है..!!
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