QUOTES ON #MEDIA

#media quotes

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4 JAN 2020 AT 9:56

जब एक अहंकार और दूसरा लालच और तीसरा उदासीनता की दरारों से जर्जर हो चुका होगा तो कब तक खड़ा रहेगा चौथा खंभा अपनी बिक चुकी खबरों की सीमेंट और पहले से तय प्रश्नों के उत्तरों की ईंटों को लेकर।
पहले शायद जब ढहेगा वहीं तो बाकी के तीन खंभो पर
कब तक टिकी रहेगी लोकतंत्र की ये इमारत और बचा रहेगा संविधान।

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9 JUN 2020 AT 10:56







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5 MAY 2018 AT 19:51

In one of their love enriched nights,
He : We'll cook together tomorrow.
She: Umm...But you don't know how to cook na!
He: Doesn't matter honey,
I'll kiss and caress you all the time.
I'll hold your hand as you cook.
I'll whisper into your ears
that you're my heartbeat.
I'll hug you tenderly extracting
every media of love from my body.
I'll scroll my hands over our baby telling it
how lucky we are to have you in our life!!

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26 SEP 2019 AT 18:09

अब किसको परवाह है के ख़बर बेबाक हो
झूठ-सच सब एंकरो से ही कराया जाता है,

अलग-अलग रंगों से पैनलो को सजा कर
युद्ध का अभ्यास चैनलों से कराया जाता है !!

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17 JUL 2019 AT 10:55

ख़ुद-ग़रज़ों को मुबारक हो निवाला सरकारी,
मेरी क़लम की स्याही में है सिर्फ़ ख़ुद्दारी !!


خود غرضوں کو مبارک ہو نوالہ سرکاری..
میری قلم کی سیاہی میں ہے صرف خودداری !!

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22 MAY 2019 AT 8:43

ये जो तुम सर पर ग़ुरूर का गठरी लिए हो,
बताओ ज़रा,क्या तुम्हें ये बोझ नहीं लगता !!


یہ جو تم سر پر غرور کا گٹھری لئے ہوں..
بتاؤ ذرا,کیا تمہیں یہ بوجھ نہیں لگتا !!

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18 SEP 2019 AT 18:58

नज़रें उठाकर दूर तक लाशें देखी जा सकती है
आख़िर कब तक भीड़ को बीमार कहा जाएगा,

जहां मुज़रिम की ताजपोशी ही हो हुक्मरानों से
वहां फिर कैसे सब हक़ीक़त अख़बार में आएगा !!




نظریں اٹھا کر دور تک لاشیں دیکھی جا سکتی ہے
آخر کب تک بھیڑ کو بیمار کہا جائے گا...

جہاں مجرم کی تاج پوشی ہی ہو حکمرانوں سے
وہاں پھر کیسے سب حقیقت اخبار میں آئے گا !!

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20 APR 2019 AT 19:32

सदाक़त लिखने का हुनर था क़लम के क़लंदरों को,
पूरी तासीर नीलाम कर दी टेलीविजन के बंदरों ने !!


صداقت لکھنے کا ہنر تھا قلم کے قلندروں کو..
پوری تاثیر نیلام کردی ٹیلی ویژن کے بندروں نے !!

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7 JUL 2019 AT 10:37

अभी मालिक हैं ये मुल्क के खादी-टोपी, नेकर-वेकर, लाठी-डंडे सब,
हिस्सा होगा तब्सिरा का हिंदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद, तिलक-टोपी सब !!


ابھی مالک ہیں یہ ملک کھادی-ٹوپی, نیکر-وےکر, لاٹھی-ڈنڈے سب..
حصہ ہوگا تبصرہ کا ہندو-مسلم, مندر-مسجد, کلاک-ٹوپی سب !!

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29 APR 2020 AT 19:39

खुरदुरे से काग़ज़ पर झूठ की पैरोकारी है
अख़बार तो नाम का है, काम सरकारी है,

हर पन्ने में छायी होती है सुर्ख़ीयां मज़हबी
कभी यह भी लिखो किस पेट में चिंगारी है,

सुनता कुछ, लिखता कुछ, पढ़ता कुछ है
ये पत्रकार मजबूर है, या क़लम बेचारी है,

कोई हक़ीम हो जो हर क़लम को शिफ़ा दे
और हर वह क़लम दफ़्न हो जो दरबारी है,

कुछ तो यहां दोहरे ओहदों पर बैठे हुए हैं
और ज़्यादातर के हक़ में अभी बेकारी है,

कहीं फ़ाक़ा मज़बूरी, कहीं ईमान से रोज़ा
कोरे दस्तरख़्वान पर इफ़्तार की तैयारी है,

चेहरा बदलने का हुनर तुम को नहीं आता
आमिर यह तुम्हारी बेकार सी फ़नकारी है !!

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