कहते है , मर्द रोते नहीं !
ऐसा रोना देखा है , जिसमे आसूं नहीं ।
कहते है , मर्द को फिक्र नहीं !
ऐसी फिक्र देखी हैं , जो अंदर ही अंदर खाती ।
कहते है , मर्द की कमाई पता नहीं चलती !
ऐसी कमाई देखी है , जिसमे हिस्से ही हिस्से दिखती ।
कहते है , मर्द रोते नहीं !
ऐसा रोना देखा है , जिसमे चीख नहीं ।
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