#मदमस्त राही मैं
मैं सफरराही हूँ तो सही पर
मंज़िल मेरी कुछ बचकाना है,
हूँ तो मैं दृढ़, बहुत खूब मगर
मन के मेरी आदत, कुछ डगमगाना है,
साथ चलना हो तो गर संग कभी मेरे,
इक़ इशारा भर यूँ ही लगा लेना है
मेरा पूरा ना भी हो, कोई यूँ सफर,
बखूब चलूंगा साथ, ऐसा मेरा याराना है
मदमस्त राही मैं, मंज़िल मेरी बचकाना है...
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