इस रात का रंग ऐसे लगा दे मोहे,
दूजा ना कोई रंग फिर चढ़े मोहे।
तेरी बाहों में अपने आपको भूल तुझमें खो जाऊं,
तेरे संग में कोई और ही बन जाऊं।
इस रात ये रंग खुद से मुझ पे लगा दे कुछ बिन हाथ के,
रात भी रंग उठे तेरे मेरे साथ से।
इस रात का रंग ऐसे लगा दे मोहे।।
तेरी गर्म सांसे तो बस मुझे ही सुनाई दे,
मेरी सांसे तो बस तुझ संग बढ़ई दें।
तेरी उंगलियां तो मेरी उंगलियों से कुछ यूं है मिली,
जैसी तेरी आंखें है मेरी आंखों से जा मिली।
इस रात का रंग ऐसे लगा दे मोहे।।
इस रात रंग दे मेरा अंग अंग,
तेरे ही साथ चलूं संग संग।
इस रात का रंग ऐसे लगा दे मोहे,
दूजा ना कोई रंग फिर चढ़े मोहे।।
✍म
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