चेहरे पर एक चेहरा लगाना पड़ता है
मैं ठीक हूँ कहकर मुस्कुराना पड़ता है
उस तन्हाई का भी मोल क्या लगाओगे
जब रोकर खुदको चुप कराना पड़ता है
वो बचपन भी कोई बचपन हुआ भला
गिरने की उम्र में संभल जाना पड़ता है
जो चले जाओ कहा तो चले गए तुम?
प्यार में सनम हक़ जताना पड़ता है
यूँ अकड़ कर सलामी तो मिलेगी तुम्हें
दुआ के लिए मगर सर झुकाना पड़ता है
यूँ रातों को ना जगाया कर ऐ ख्वाब मेरे
सुबह जल्दी काम पर जाना पड़ता है
ये अदब की महफ़िल भी कमाल है यारों
हाँ में हाँ, वाह में वाह मिलाना पड़ता है
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