QUOTES ON #LAWYERS

#lawyers quotes

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1 FEB 2020 AT 14:47

दुध की तरह सफ़ेद झूट को भी सच बोलने वालों,

नींबू निचोड़कर "दुध फाड़ना"

अच्छे से आता है मुझे।

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28 SEP 2020 AT 14:35

(IPC, section-82)- Koi baat apraadh nahi hai jo 7 saal se kam age ke bacche ke dwara kiya jayee..
Me- (Seeing the baby) bhaago ree baba.😃😃😃😃😃😃😃

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23 JUL 2020 AT 22:46

जो कहती है,"It's My Life My Rules"🤔
वो कचहरी-ए-अदालत क्या खाक मानेगी...😑
वो खुदकी बाते लाख मानेगी,🧐
और दलीले सच्ची को राख ही मानेगी...🙄

हमे तो लगा था समझदार हैं वो,🙂
पर हमे क्या ही पता था कलाकार हैं वो,😆
कुछ खरीदे गवाहो को पेश कर,🤣
सच्चे सबुतो को झुठलाने मे,😂
गलत तरीको से बदनाम कर,😲
सच की आवाज दबाने मे😦
बदहवास है जो...😓
वो फैसला-ए-सच्चाई🤐
क्या खाक मानेगी!🤣


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30 OCT 2019 AT 10:46

वकील और डॉक्टर की बात सयानी,

मानते है की जरुरी तो घर और कपड़ा भी,

पर "हवा" और "पानी" बिना ख़त्म है साँसों की कहानी।

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6 JUL 2018 AT 23:55

Politicians and lawyers are same because both cant earn if they dont tell a lie

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9 DEC 2017 AT 20:05

Be good, Do good to others and no one will appreciate you..

Commit a little mistake and see how society becomes the judges and lawyers with a degree from the greatest law universities..

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3 MAY 2020 AT 23:55

The leniency of the judiciary has been exploited by the lawyers in delaying the litigation, the delay in dispossessing cases is a serious concern as it erodes the faith in the system, Nirbhaya is perfect example of it. However, the idea of multi-layered legal system is that even a criminal will have absolute liberty in right to appeal and must not be framed deceitfully unlike the draconian system of the pre-independence era.

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9 OCT 2019 AT 12:37

वकील और शायर,

इनका अंदाज़ कुछ ऐसा है ज़नाब की,

दोनों ही अपने अल्फ़ाज़ों की आँग से,

लौहे को भी राख़ कर देते है।

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24 APR 2020 AT 15:42

जब फर्स्ट ईयर में मिले , तब अनजान थे जो
आज वही एक दूसरे की जान हो गए हैं।।
कभी सोचते थे फोर्थ लेक्चर निकलेंगे कैसे
ना जाने कब यहां ये साल पूरे हो गए।
सुख-दुख अच्छा बुरा सभी में थे साथ ,
क्लास में सभी से करते थे मस्ती मजाक।।

लड़ते भी झगड़ते भी दिन भर यही करते थे लेक्चर से बंक मारकर कैंटीन से मिला करते थे।।
आज सोचते हैं क्यों हम इतने बड़े हो गए, क्यों फ्यूचर की दौड़ में अपनों से दूर हो गए।।
और जब आए थे तब कुछ भी नहीं था हमारे हाथ जाते-जाते यादों की बारात ले चले हम सब एक साथ।
आई है घड़ी जिसे विदाई कहते हैं सभी।।
अलविदा कहने को दिल नहीं मानता और
मेरा दिल नहीं मानता।।
काश फिर मिलने की वजह मिल जाए साथ जितना भी बिताया वो पल मिल जाए।।
चलो सब अपनी आंखें बंद कर ले क्या पता ख्वाबों में गुजरा हुआ कल मिल जाए।।❤

कुछ ख्वाहिशें दिल में रह जाती है और कुछ बिन मांगे मिल जाती है
ये को आज बैठे है कल छोड़कर चले जाएंगे कुछ नए जुड़ेंगे इस खूबसूरत सफर में शायद कुछ अनजान है मुझसे
और कुछ को मेरा इंतजार है।।

Ragging ragging!!
सोचा था यह नचाएंगे, गिराएंगे
उठाकर भगआएंगे।।
पर ये इतने सहायक होंगे
यह हम नहीं सोच पाए थे।।
हमें पाएगा सदैव अपने कदमों में,
पायेगा सदैव अपने सपनों में हमें।।


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1 SEP 2019 AT 11:48

They say,
lawyers and writers are
the biggest liars.
Unfortunately,
some are both!

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