रीवा के लडिका
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रिश्तेदारी निपोरएं विधायक से, अऊ तेल नही है गाड़ी मा,
भले सगले दसवीं फैल हवएं,मगर नौकरी चाही सरकारी मा।
किताबों से कोऊ सरोकार नही,जबरन लगे हैं तैयारी मा,
अऊ दस साल से दादा भाई कहत फिर रहे हैं,की फारम भरे हैंन पटवारी मा ।
अऊ कऊन सी गाड़ी ईं ले नही सकें,नास कर दिहिन बाप के खेतन के,
बेयौहरई मा इनके बेढ़ सकान, अब बाग रहे पीछे नेतन के।
सरकारी दफ्तर मा ये पेले आपन जलवा, मारत हैं डायलाग कऊनो एक्टर के,
अऊ दादू बंद है जेल मा तबसे, जब से अडाए रहें
कट्टा कलेक्टर के।
अऊ जब से हाथ मा आयी या पल्सर, दादू देखत नहीं हैं दाएं बाएं।
सिग्नल मा गड़ी ईं रोकय नही,बस जाए दे कक्का साएं साएं।
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