!!स्त्री!!
कितनी अदा निभाती है स्त्री
हर किरदार में ढ़ल जाती स्त्री
जन्म ले बेटी के रूप में, माता पिता की इज्जत बचाती है!
एक बहु बन, समाज में परिवार की मान बढ़ाती है!
एक माँ बन, अपने गमों को छुपा,
सारी खुशियाँ अपने बच्चो पर लुटाती है!
समाज की मर्यादा बचाने को, बंदिशों से जकड़ जाती है!
फिर भी समाज के कुछ लोग,
देवी समान स्त्री को कठपुतली समान नचाती है!
हर बार इज्जत बचाना, स्त्रियों का दायित्व ही क्यों होता है??
विनम्र निवेदन है हमेशा स्त्रियों का सम्मान करना!
जब भी दुखी हो उसके आँसुओं की वजह को समझना!!
क्योंकि परिवार की मान है स्त्री!
देश की सम्मान है स्त्री!!
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