ये ज़रूरी नहीं ,जीत मेरी हर बार होनी चाहिए
बस मेहनत मेरी बेशुमार होनी चाहिए ।
कर मेहनत भी हार जाऊ तो कोई ग़म नहीं
मगर लड़ने से पहले ही हार जाऊ ये भी तो सही नहीं।
मेहनत ना करूँ तो ज़रूर मेरी हार होनी चाहिए
गर संघर्ष करू बड़ा, तब जीत शानदार होनी चाहिए ।
बस सोते हुए, ख़्वाब सजाऊ तब तो ये ख़ता है
लेकिन गर बिना सोए ख़्वाब पुरे कर पाऊ तब मज़ा है ।
लड़ू जिस तलवार से, वो धारदार होनी चाहिए
युद्ध भूमि में दुश्मनो को मेरी ललकार होनी चाहिए।
बिखेरने गिदड़ाे के झुण्ड को शेर की बस एक दहाड़ होनी चाहिए
बस मेहनत मेरी ........................।
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