Ravi Shukla 28 MAY 2017 AT 18:20 They write with pen,I write with pain.. - Ravi Shukla 23 MAY 2017 AT 23:45 कलम के अश्क़ गिरे जो कागज़ पे मेरे जज़्बात सुन के,एक नई शायरी बन गयी... - Ravi Shukla 28 AUG 2017 AT 9:54 मैंने रेत से खुद को जब भी है संवारा,ज़िन्दगी की लहरें भी क्या खूब उठीं है फिर... - Ravi Shukla 27 MAY 2017 AT 12:39 समझ के नासमझ वो तो जान के भी अनजान हैं,हम फिर भी कोशिश में लगे, कितने नादान हैं... - Ravi Shukla 16 SEP 2017 AT 9:09 शाम की उचाईयों से वो रात के दरिया में कूद गया,वो सूरज और जलता भी कब तक... - Ravi Shukla 25 MAY 2017 AT 20:46 जिन्हें करीब आने का मौका दिया,पास आ के उन्हीं ने धोखा दिया... - Ravi Shukla 20 NOV 2017 AT 20:12 बहुत छोटी सी दुनिया है मेरी,एक मैं हूँ एक दोस्ती है तेरी... - Ravi Shukla 20 NOV 2017 AT 18:55 हमने शिकवे ना रखे देर तक लोगों से कभी,सुना था सोने के बाद हर क़िसी की सुबह नहीं होती.. - Ravi Shukla 23 SEP 2019 AT 19:17 चंद बातों में यूं ही परेशान हो जाते हो तुम,शिकनें माथे से बड़ी ले के मुस्कुराता है कोई.... - Ravi Shukla 4 JAN 2018 AT 22:49 होते हैं गिले पर ना कहना जानते हैं,रिश्ते वही निभाते हैं जो सहना जानते हैं... -