☺🌺"मन "...
यूँ तो कई बार टटोला है मन...
बीत गए जाने कितने बरस...
मगर अब जाकर बोला है मन...
किसको, कैसे, कब,क्या लिक्खू ?
कुछ समझ नहीं पाता है...
वही पुराना एक सवाल...
हर बार दोहराता है...
"क्या मुझको लिखना आता है ?"
किस घड़ी मुहूरत शुभ होगा ?
क्या शीर्षक अद्भुत होगा ?
एक उम्र गुजर गई यही सोचते...
ज्यादा नहीं ज़रा सा शायद...
हाँ ... शायद अब भी भोला है मन...
😊"मन"...
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