किसी रिश्ते में दखल ना देना वक्त रहता मौन हैं
साथ निभाते चलो नहीं तो तुम्हारा कौन है ।
माना की ज्यादा अच्छे नहीं है हम
मगर ये बात बताने वाला जमाना कौन है ।
रात भर साथ दिया उन अकेली सड़को का
सुबह होते ही पूछती हैं ये मुसाफिर कौन हैं ।
हर रात ख्वाबों में भी ये ही सोचता हूं
मैं सोया हूं तो मेरे अंदर ये जागता कौन हैं ।
तुम मेरी हो तुम्हे तो मैं पा ही लूंगा ए मंजिल
देखता हूं तेरे मेरे बीच आता कौन हैं ।
बुद्धिजीवियों का मानना हैं की प्यार कभी मरता नहीं
तो फिर प्यार में धोखा मिलता ये अफवाहें उड़ाता कौन हैं ।
उसने कहा था तेरी तरह बहुत है तुझमें खास क्या है
अब कौन बताए मेरी तरह रात भर तुझे सोचता कौन है ।
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