मैं अल्लाह अल्लाह बोलूं या जपु वाहेगुरु जी का नाम,
चाहे साईं की चौखट पर सिर झुकाऊ या बोलू राधे श्याम...
समृद्धि को बोलने से रोक सको तो रोक के दिखाओ, इन सबसे है मेरे देश भारत की शान।
मेरी मां जब भी बाजार जाती है, वह गुरुद्वारे, दरगाह और मंदिर के आगे हमेशा शीश झुकाती हैं
यही है उसने मुझे सिखाया, बाकी है सब माया।
बैठ घरों में धर्म के ठेकेदार बनते हैं, परमवीर चक्र विजेता- सोमनाथ शर्मा, गुरबचन सिंह सलारिया, वीर अब्दुल हमीद, निर्मलजीत सिंह सेखों जैसे जवान हम शांति से रह सके इसलिए गोली खाकर देश की खातिर मरते हैं।
शर्म करो धर्म पर लड़ने वालों लड़ाई का इतना शौक है तो दुश्मनों से लड़ो और देश की खातिर कुछ करो।
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