वो तिरंगा...
सतरंगी कहानियों से बुना था वो,
कईयों के बलिदानों से सजा था वो,
रंगरेज़ा क्या रंग थे उसके,
जिस रंग से तिरंगा बना था वो...।।
कितनी खूबसूरती से तराशा होंगा,
हर अरमान उसपर आजमाया होंगा,
बेमिसाल होंगे वो जज़्बात उसके,
जिसने तिरंगा दिल से सजाया होंगा...।।
कई अरसो बाद एक दिन आया था,
छूटा पीछे गैरो का साया था,
जश्न था हर दिल में सबके,
आस्मा में जब तिरंगा लहराया था... ।।
जय हिंद।। जय भारत।।
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