गहरी तन्हाझील सी नजर आती है तेरी आंखे ,
तू लाख छुपाये पर सारा राज बताती है तेरी आंखे,
है छेड़ती जब हवा तेरी जुल्फो को अपना समझ कर ,
छुप जाती है घटाओं (जुल्फ) मे शर्माकर तेरी आंखे ,
आ जाती है तेरे चेहरे पर भी वो नूर की रौनक ,
आइने मे जो तुझे प्यार से देखे तेरी आंखे,
बेखौफ़ रहता है तेरी पलको से लिपट के ये काजल ,
जैसे हर बुरी नजर से उसे बचाती है तेरी आंखे,
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