Ankur Thakar 28 JUL 2021 AT 10:48 सौदा करके माकाँ बेच दिया. दादा की ताउम्र गुजरी थी जहां. मरने के बाद वो इंसाँ बेच दिया. खरीदने आए पेशेवर कैसे कैसे. जहाँ कीमत ज्यादा मिली वहाँ. बेचने वाले ने ईमाँ बेच दिया. छाया कम हो गयी ज़मीं से मेरी. मेरे हिस्से ना जाये रुख वो कहीं. ताऊ ने मेरा वो अरमाँ बेच दिया.गैरत बेच के फिर शहर जाना था. वफा बेश कीमती थी जिसकी जाते जाते वो बेजुबाँ बेच दिया. - Aarkay 15 AUG 2021 AT 22:46 बहुत घूम आये सकूँ की तलाश में हम,लेकिन घर जैसा सुकून कहीं और न मिला ।। - Sameer Saurabh Pokhriyal 27 JAN 2020 AT 11:27 दर्द, ख़ामोशी और मैं, जैसे चाय, सुबह और पहाड़ - Sameer Saurabh Pokhriyal 28 JAN 2020 AT 15:46 है अपना कोई मेल नहीं, हम अलग राह पर जाते हैंतुम आसमान मैं धरती हूँ, दोनों विलोम कहलाते हैंहै शहर तुम्हारा निर्मोही, ये वहाँ जुदा हो जाते हैंआकर देखो कभी पहाड़ों में, ये यहाँ गले लग जाते हैं - Turtlely yours 23 OCT 2019 AT 13:41 to paint the forgotten skiesto welcome the clouds againto drench in the rain of regretsfor having slaved my sky to the wings of this worldand its wicked desire. - Kumar Siddharth 10 AUG 2019 AT 22:11 तुम्हारे बग़ैर तो जैसे हर लम्हा वीरान हैजिन्दगी लगती अब कुछ पल की मेहमान हैतेरे शहर के तो बादल भी मुझे जानते थेयहाँ का तो पूरा आसमाँ ही मुझसे अंजान है - 𝔜𝔬𝔤𝔢𝔰𝔥 𝔊𝔲𝔭𝔱𝔞 21 MAY 2020 AT 9:22 ज़िंदगी मे एक मोड़ ऐसा आता हैजहा ना चाहते हुए सबकुछ छूट जाता है - Kumar Siddharth 16 SEP 2019 AT 19:13 जब कोई करता है बात हिमाचल कीयाद आने लगती है माँ के आँचल की - Smruti 23 OCT 2019 AT 19:08 I'll come back strongerflaming with resolvemy knuckles bloodied but only from hauling myself into the fight;I won't show my scars or tearsor seek a hand when life knocks me down,this time l'll chase the pain andpunch it back with vigour;And when I'm doneI shall lay cold and contented,limned in cosmic silence. - Kumar Siddharth 16 SEP 2019 AT 20:06 पहाड़ का हर कोना मेरे दिल में आकर बैठा हैहिमाचल की मोहब्बत को मैंने कुछ ऐसे समेटा है -