एकाकी खोया है मैने बहुत कुछ पाने से पहले ! बीखरी हूँ बहुत संभल जाने से पहले ! सीखा है बहुत कुछ बड़े हो जाने से पहले ! टूटी हुई हुँ अंदर तक पर हारने वाली नहीं हूँ जीत जाने से पहले ! रोई हूँ बहुत मुस्कुराने से पहले ! मुझे मेरे अपने गिरा कर चले गये फ़िर भी अब भी ज़िंदा हूँ क्यूंकि हाथ थाम लिया खुदा ने मेरा डगमगाने से पहले !