"अच्छा लगता है"
वैसे तो इस दुनियां में कोई किसी का नहीं,
फिर भी बेवजह ही सही...इस चाय पर अपना हक जताना अच्छा लगता है,
रातों को हो जाती है देर, हमेशा सोने में ,
यूंही देर रात तक उस चांद को निहारना अच्छा लगता है..
खोलती हूं ,जब भी कभी...उन यादों का पिटारा,
पूरा दिन महक सा जाता है...,
वो छोटी_छोटी खुशियों में रहना, उन यादों को इकठ्ठा करना....अच्छा लगता है
अब बेवक्त उदासी पसंद नहीं मुझे...
दोस्तों के साथ बिताए, उन पलों को याद करके.. मुस्कुराना, अच्छा लगता है।
_@Deepti
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