स्वयं की खोज में -
वो जो ज्ञान कि राह पे गए खुद को पा गए, वो उस राह को क्यों आसान नहीं बना के गए।।
वो पौधा जोर लगा रहा था बाहर धरती पे आने को, उसे वो डर नहीं था कि बाहर शिकारी है ताक पे,
बस ये सवाल था कि क्यों उसे बाहर आना था क्यों उसे बिना लड़े जीतना था?
स्वयं की खोज ने बता दिया, की वही तो राह है, जहां तुम्हें बस तुमसे डर है, कि कहीं भूल ना जाओ तुम खुद को किसी के डर से।।
-